प्रियाकांतजू की आरती उतारो हे अली (English Lyrics) PDF

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प्रियाकांतजू की आरती उतारो हे अली (हिंदी) –

प्रियाकांतजू की आरती उतारो हे अली,
सोहे यशोदा को लाल किरत भानु की लली,
प्रियाकांतजू की आरती उतारो हे अली ||

भावे जलज कुसुम चित आकर्षक छवि,
लाजे कोटि मनोज कटे कौंधनी सजी,
पित पटुका सुहावे मुक्त हीरक मिली,
प्रियाकांत जू की आरती उतारो हे अली ||

गोपी ग्वाल धेनु मोर भृंग खग पिक सुखी,
धिक्ति दिव्यमान दांत भव्य सूरज मुखी,
मोहन महिमा ललाम खोले भाग्य की गली,
प्रियाकांत जू की आरती उतारो हे अली ||

राजे अधरन वेणु कर पंक कंकड़ दलि,
शीश मोर को मुकुट कृष्ट राधिका खिली,
बोहित भवसिंधु हेतु सुखदायक बली,
प्रियाकांतजू की आरती उतारो हे अली ||

वाम भाग्य सोके संग श्री दामा भगिनी,
मोहे सौम्य पित साटिका लजावे दामिनी,
निम्ब संबुक पिराज गण देव विमली,
प्रियाकांत जू की आरती उतारो हे अली ||

देवकी सुजान व्यास विप्र कुलमणि,
कीनो सुकृत प्रशंश विश्व शांति सोमनी,
गावे आरती सूचित मन कामना फली,
प्रियाकांत जू की आरती उतारो हे अली ||

प्रियाकांतजू की आरती उतारो हे अली,
सोहे यशोदा को लाल किरत भानु की लली,
प्रियाकांत जू की आरती उतारो हे अली ||

ओवाळू आरती मदन गोपाळा,  प्रियाकांतजू की आरती उतारो हे अली

Priyakantju Ji Ki Aarti, Hindi (English Lyrics) –

Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali,
Sohe Yashoda ko laal, Kirat Bhanu ki lali.
Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali ||

Bhaave jalaj kusum chit, aakarshak chhavi,
Laaje koti manoj, kate kaundhani saji,
Pit patuka suhaave, mukht heerak mili,
Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali ||

Gopi, gwal, dhen, mor, bhring, khag, pik sukhii,
Dhikti divyamaan daant, bhavya suraj mukhii,
Mohan mahima lalaam, khole bhagy ki gali,
Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali ||

Raaje adharna venoo kar, pankh kankad dali,
Shish mor ko mukut, krishna radhika khili,
Bohit bhavasindhu hetu, sukhdaayak bali,
Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali ||

Vaam bhagya soke sang, shri dama bhagini,
Mohe saumya pit, saatika lajaave damini,
Nimb sambhuk piraj, gan dev vimli,
Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali ||

Devaki sujan, vyaas, vipr kulmani,
Kino sukrit prashansh, vishv shaanti somani,
Gaave Aarti suchit, man kaamna phali,
Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali ||

Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali,
Sohe Yashoda ko laal, Kirat Bhanu ki lali,
Priyakantju ki Aarti utaaro hey Ali ||

श्री-भागवत-भगवान-जी-की-आरती

प्रियाकांतजू की आरती उतारो हे अली (हिंदी) का सरल भावार्थ –

इस आरती का मतलब है कि हम सभी श्रद्धालु इस आरती के माध्यम से प्रियाकांतजू की आराधना करते हुए उनके चरणों में अपनी भक्ति और समर्पण का अभिवादन करते हैं। सोहे यशोदा को लाल किरत भानु की लली का जिक्र होता है जो बाल गोपाल की उम्र से एक दिन पहले हुआ था। इस आरती में प्रियाकांतजू की महिमा गुणगान की गई है।

इस आरती के मतलब हैं कि हम प्रियाकांतजू की आराधना करते हुए उनके चरणों में अपनी भक्ति और समर्पण का अभिवादन करते हैं। यहाँ उनकी आकर्षक छवि, जो जलज और कुसुम की तरह भावुक होती है, का वर्णन किया गया है। कटे कौंधनी सजी होने से उनकी लाज दर्शाई जाती है। पित पटुका सुहावे और मुक्त हीरक मिलने से उन्हें बहुत सम्मान मिलता है।

इस आरती के मतलब है कि हम प्रियाकांतजू की आराधना करते हुए उनके चरणों में अपनी भक्ति और समर्पण का अभिवादन करते हैं। यहाँ उनकी महिमा का वर्णन किया गया है जो गोपियों, ग्वालों, धेनुओं, मोरों, भृंगों और खगों के सुख और सुखद चेहरों के समान होती है। उनके दिव्यमान दाँत और भव्य सूर्य के मुख की तुलना में बहुत शोभा प्रदान करते हैं। मोहन की महिमा भी इतनी उन्होंने ललाम खोल दी है कि भाग्य की गली सबके लिए उनके लिए खुल गई है।

इस आरती में हम प्रियाकांतजू को समर्पित भक्ति और प्रणाम करते हैं। उनकी महिमा का वर्णन करते हुए यह आरती उनकी पूजा के लिए गाई जाती है। उनके वेणु के ध्वनि से अधरन, पंक और कंकड़ आनंदित हो जाते हैं। उनके सिर पर मुकुट रचा हुआ है और उनकी साथ राधिका खिली हुई है। वे भवसागर के बीच में एक सुखदायक बली हैं और सबके हेतु उन्होंने अपना सम्पूर्ण बलिदान कर दिया है।

प्रियाकांत जू की माता दामा भगिनी थीं और उनके पिता का नाम सौम्य पित था। आरती में उन्हें संबुक और गण देव के रूप में वर्णित किया गया है। इसके अलावा, आरती में देवकी, सुजान व्यास और विप्र कुलमणि की भी पूजा की गई है।

आरती के अंत में, प्रियाकांत जू को सोहते हुए व यशोदा माता के द्वारा आरती उतारने की अनुरोध किया गया है।

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